poem

करने आये हैं हम नमन

Ipsa Roy Ipsa Roy August 07, 2023 | 1 minute
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करने आये हैं हम नमन

करने आये हैं हम नमन
बलिदानी वीरों को।
चल पड़ते थे जो अंगारों पर
मातृभूमि को करके नमन
लहू बहाया धरती पर
जैसे बहता हो गंगा का पावन जल।
नहीं रुके यह, नही झुके यह,
वीर अमर बलिदानी थेउम्र ना पूछो
धर्म ना पूछो
इस मिट्टी के रखवालों की।
चल पड़े जो अंधियारों में
अत्याचारों का करने अन्त।
कोई नरम था, कोई गरम था
कोई थी बेटी जैसे लक्ष्मी बाई।
आजाद होगा देश हमारा
मन में सबने ठानी थी।

Ipsa Roy
by Ipsa Roy
Romanticizing my life with flowers,jhumkas and peace.

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